डॉक्टर अफरीदी पर अमेरिका और पाकिस्तान आमने सामने 25-05-2012
वाशिंगटन/इस्लामाबाद। डॉक्टर शकील अफरीदी को 33 साल कैद की सजा सुनाए
जाने के मसले पर अमेरिका
और पाकिस्तान एक-दूसरे के सामने आ गए
हैं। अमेरिका ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि डॉ. अफरीदी
को सजा देने का पाकिस्तान के पास कोई आधार नहीं है। दूसरी ओर,
इस्लामाबाद ने वाशिंगटन को न्याय
प्रक्रिया का सम्मान करने की सलाह दी है। डॉ. अफरीदी ने आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में
ढूंढ निकालने
में अमेरिका की मदद की थी। कोर्ट ने
बुधवार को उन्हें ब्रिटिश काल के कबायली कानूनों के
तहत देशद्रोह का दोषी मानते हुए सजा सुनाई। एबटाबाद में लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने डॉ. अफरीदी और उन्हें
मदद करने
वाले नर्सिग स्टाफ को गिरफ्तार कर
बर्खास्त कर दिया था।जल्द रिहाई की उम्मीद अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने डॉ.
अफरीदी की जल्द
रिहाई की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा
कि विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और रक्षा मंत्री लियोन
पेनेटा पहले ही इस मामले में इस्लामाबाद को अपनी चिंता से अवगत करा चुके हैं। इस मामले में हमारा विचार बदलने वाला
नहीं है। हम
आगे भी इस बारे मे पाकिस्तान सरकार को
बताते रहेंगे। इस साल की शुरुआत में पेनेटा ने डॉ. अफरीदी
का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे पाक के हित को नुकसान पहुंचे।सजा कानून के
अनुरूप
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
मोअज्जम अली खान ने इस मामले में अमेरिका के ऐतराज को
गलत बताया है। उन्होंने कहा कि डॉ. अफरीदी को पाकिस्तानी कानून के अनुरूप सजा सुनाई गई है। ऐसे में अमेरिका
को अदालत के
फैसले का सम्मान करना चाहिए। हमें
एक-दूसरे की न्यायिक प्रक्रिया में दखल नहीं देना चाहिए।
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