मिस्त्र चुनाव: ब्रदरहुड का जीत का दावा 18-06-2012
काइरो। मिस्र के राष्ट्रपति चुनाव
में अपनी जीत का दावा करते हुए मुस्लिम ब्रदरहुड ने सोमवार को आधुनिक लोकतांत्रिक देश
के निर्माण का वादा किया। साथ ही उसने बदले की कार्रवाई नहीं करने का भी वादा किया। उधर,
शफीक खेमे ने मुस्लिम ब्रदरहुड के दावों का खंडन
करते हुए उसकी कड़ी निंदा की। वहीं, देश
की विधायी शक्तियों का नियंत्रण सेना के हाथ में होने के कारण इस ऐतिहासिक चुनाव पर
अनिश्चितता के बादल छाये हुए हैं।मतदान के चंद घटे बाद मुस्लिम ब्रदरहुड के मुख्यालय
में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुहम्मद मुर्सी ने वायुसेना अधिकारी एवं पूर्व तानाशाह होस्नी
मुबारक के
करीबी अहमद शफीक पर जीत की घोषणा की। मुर्सी ने मुबारक को अपदस्थ करने वाली क्राति के शहीदों को श्रद्धाजलि
भी दी और वायदा किया कि बदले की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। मुर्सी ने ऐसे देश के निर्माण का
संकल्प लिया जहा असैन्य सरकार का शासन होगा । उन्होंने उनके पक्ष में मतदान करने वालों
तथा साथ में उन लोगों का भी शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनके पक्ष में
मतदान नहीं किया। समर्थकों द्वारा राष्ट्रगान गाए जाने के बीच उन्होंने कहा कि हम एक
संविधान के
साथ लोकतात्रिक एवं आधुनिक राष्ट्र के निर्माण का वायदा करते हैं।उधर, शफीक खेमे के प्रवक्ता यासिर मकारीम ने
ब्रदरहुड पर चुनाव परिणामों में हेराफरी का आरोप लगाया और कहा कि 11 प्रतिशत मतों की गिनती होनी अभी बाकी है। उन्होंने यह भी दावा किया
कि शफीक 51 से 49 प्रतिशत मतों से आगे हैं। चुनाव परिणाम की आधिकारिक घोषणा
इस हफ्ते के अंत में की जाएगी ।उल्लेखनीय है कि दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनाव से
ठीक पहले मिस्त्र के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल हुए संसदीय चुनाव को असंवैधानिक करार देते हुए मौजूदा संसद को भंग कर
दिया था। मिस्त्र में 16 महीने
पहले हुई जनक्राति के बाद होस्नी मुबारक के तीन दशकों का शासन खत्म हो गया था। इसके बाद सेना ने सत्ता संभाली और देश
में लोकतात्रिक व्यवस्था का भरोसा दिलाया। हालाकि, मुबारक का शासन खत्म होने के बाद लोकतंत्र समर्थकों ने
सैन्य परिषद के विरोध में भी प्रदर्शन किए। उनका कहना है कि सेना सत्ता में अपना दखल बनाए रखना चाहती है।
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