मनमोहन सिंह : रक्षक या सोनिया का पालतू 17-07-2012
नई दिल्ली। अमेरिकी पत्रिका टाइम
द्वारा प्रधानमंत्री को अंडरअचीवर बताए जाने की शर्मिदगी से यूपीए अभी उभर भी नहीं
पाई थी कि ब्रिटेन के एक अखबार ने मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी का पालतू बताकर सरकार
को कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है। हालांकि कुछ देर बाद अखबार ने इसको कुछ हल्का करते हुए खबर के शीर्षक में
कठपुतली और अंडरअचीवर जैसे शब्दों का प्रयोग किया। सरकार की खिंचाई करने का यह काम किया है
ब्रिटेन के नामी अखबार 'द इंडिपेंडेंट ने।'अखबार ने प्रधानमंत्री के विषय में 'मनमोहन सिंह : सेवियर ऑर सोनियाज पूडल (मनमोहन सिंह :
रक्षक या सोनिया का पालतू) शीर्षक से सोमवार को एक आलेख लिखा है। इस लेख में कहा गया है कि
मनमोहन सिंह की समस्याओं में से एक यह है कि उनके पास कोई वास्तविक राजनीतिक ताकत नहीं है,
बल्कि उनकी प्रधानमंत्री के रूप में मौजूदगी सोनिया गाधी
के कारण बनी हुई है। इस कारण कभी-कभी वह अपने कैबिनेट को भी नियंत्रित नहीं कर पाते
हैं।बाद में अखबार ने अपने शीर्षक को बदलकर मनमोहन सिंह : इंडियाज सेवियर ऑर पपेट , कर दिया। फिर तीसरी बार अखबार ने अपने शीर्षक
में बदलाव करते हुए लिखा मनमोहन सिंह : इंडियाज सेवियर ऑर जस्ट द अंडर-एचीवर ।आलेख लिखने वाले
एंड्रयूज बुनकॉम्ब के अनुसार, हालाकि
पूरे प्रशासन के लिए उन्हीं को जिम्मेदार ठहराया जाना अनुचित हो सकता है, लेकिन यदि वह इतिहास में अपने लिए बेहतर स्थान बनाना चाहते
हैं, तो अब उन्हें बड़े कदम उठाकर खुद को साबित
करना होगा।
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