भारत ने अन्नाषन के फैसले को बताया सही 03-08-2012
संयुक्त राष्ट्र। सीरिया के लिए
संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के विशेष अंतरराष्ट्रीय दूत कोफी अन्नान ने सीरिया में शाति
स्थापना के लिए कई महीनों तक असफल प्रयास के बाद शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच, भारत ने कहा है कि अन्नान ने सीरिया की शांति
के लिए जो भी कदम उठाया है, वह
बिल्कुल सही है। राष्ट्रीय संघ में भारत के प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत अन्नान का पूरी तरह से
समर्थन करता है। हरदीप ने सीरिया में शांति बहाल करने के लिए अन्नान द्वारा तय की गई छह
सूत्रीय शांति योजना की भी सराहना की है। कोफी अन्नान ने पद छोड़ने की घोषणा ऐसे समय में की है,
जबकि राजधानी दमिश्क और एल्लपो में सेना और विद्रोहियों के
बीच लड़ाई और तेज हो गई है।संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने बताया कि अन्नान
ने अगस्त में समाप्त
हो रहे अपने पद की समयसीमा का नवीनीकरण न करने का फैसला किया है। कोफी अन्नान इस वर्ष
फरवरी में कार्यभार संभाला था।कोफी अन्नान ने कहा कि सीरिया में बढ़ता सैन्यकरण और
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मामले पर सहमति की कमी का उन्हें दी गई जिम्मेदारी
पर असर पड़ा
है।कोफी अन्नान ने सीरिया के लिए एक छह-सूत्रीय शाति योजना तैयार की थी जिसका मकसद वहा चल रही
लड़ाई को खत्म करना था, लेकिन इस
योजना पर सरकार और विद्रोही, दोंनो ही
पक्षों ने पूरी तरह अमल नहीं किया और सीरिया में हिंसा अब भी जारी है।अन्नान ने कहा कि उन्हें छह
महीने पहले संयुक्त राष्ट्र की ओर से राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता और विद्रोही बलों के
बीच बातचीत करके दोनों के बीच जारी हिंसा को समाप्त कराने के उद्देश्य के लिए
नियुक्त किया गया था। गत 17 महीने से जारी
इस हिंसा में 10 हजार से अधिक
लोग मारे गए हैं।अन्नान ने कहा कि उनके या किसी अन्य मध्यस्थ के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से 'गंभीर और एकजुट' दबाव के बिना सीरियाई सरकार और विद्रोहियों के बीच राजनीतिक प्रक्त्रिया शुरू
कराना 'असंभव' है।अन्नान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की
मून से फोन पर बात की जिन्होंने उनके इस निर्णय पर 'गहरा खेद' जताया। अन्नान ने फरवरी के अखिर में अपना पद संभाला था।इससे पहले बान की मून
ने अन्नान द्वारा अंतरराष्ट्रीय शाति दूत का पद छोड़ने के निर्णय पर गहरा दुख व्यक्त किया। बान
ने एक बयान में कहा कि अन्नान ने मुझे और लीग ऑफ अरब स्टेट्स के महासचिव नबील
एल अरबी को सूचित किया है कि वह 31 अगस्त 2012
को समाप्त हो रहे अपने कार्यकाल को आगे
नहीं बढ़ाना
चाहते हैं।बान ने कहा कि वह अन्नान के उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए एल अरबी से संपर्क कर रहे हैं
ताकि इस शाति स्थापना के इस महत्वपूर्ण काम को आगे बढ़ाया जा सके।बान ने सीरिया के संयुक्त शाति
दूत के तौर पर अन्नान द्वारा किए गए कायरें के लिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि अन्नान ने जिस तरह स्वार्थ रहित तरीके से शाति स्थापना की कोशिश
की है उसके लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहिए और हमें उनका आभारी होना चाहिए।अपने कार्यकाल
के दौरान अन्नान ने सीरिया में शाति स्थापना के लिए एक ओर जहा सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद से
मिलकर उन पर दबाव बनाने की कोशिश की वहीं दूसरी ओर उन्होंने इस मामले में रूस और
चीन के गतिरोध को भी तोड़ने की कोशिश की।सीरिया के मुद्दे पर रूस और चीन संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद में लाए गए सभी प्रस्तावों का लगातार विरोध करते रहे हैं और
अपनी वीटो शक्ति का भी उपयोग करते रहे हैं।
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