टाइगर हिल पर पाक के पसीने छुड़ाए पूर्वोत्तर ने 25-08-2012
पाकिस्तान के साथ 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों केपसीने छूट गए थे, जब उन्हें पता चला किइस क्षेत्रकी सबसे ऊंची चोटी टाइगर हिल को उनके सैनिकों से मुक्त कराने के लिए भारत की ओर से नागा रेजीमेंट ने कमान संभाल ली है। तीन जुलाई, 1999 की शाम 5.15 बजे दाहिनी ओर से सिख रेजीमेंट ने और बाई ओर से नागा रेजीमेंट ने टाइगर हिल केनाम से चर्चित प्वाइंट 5353 पर चढ़ाई शुरू की और चार जुलाई की सुबह 6.50 बजे तक10 पाकिस्तानी सैनिकों को मार कर चोटी पुन: अपने कब्जे में कर चुकेथे। ऊंचे पहाड़ों पर रहने एवं चढ़ सकने के कौशल केकारण ही टाइगर हिल पर विजय केलिए खासतौर से नागा रेजीमेंट को आगे किया गया था।जहां एकओर कारगिल युद्ध केदौरान नागा जवान जान पर खेल रहे थे, वहीं पूर्वोत्तर केकुछ अलगाववादी संगठनों ने पाकिस्तान का साथ देने की घोषणा भी कर दी थी। क्योंकिये संगठन भारतीय सेना को ही अपना दुश्मन मानते थे। अलगाववादी संगठनों की ऐसी ही एक मुहिम केतहत जब उल्फा के म्यांमार में प्रशिक्षित दो अलगाववादियों सौरव एवं बुलिन मेच को पाकिस्तान की मदद केलिए जाने को कहा गया तो उन्होंने यह कहते हुए उल्फा से नाता तोड़ लिया था कि भारत सरकार के साथ उनका संघर्ष आंतरिक मामला है। लेकिन पाकिस्तान की मदद कर वह देशद्रोह नहीं कर सकते। |