पारस हत्याकांड : 11 मिनट में दिया गया पूरी वारदात को अंजाम 07-09-2012
ट्रेनों की समय-सारणी, उसके घटनास्थल से गुजरने का समय और पारस भसीन के लक्ष्मीनगर मेट्रो स्टेशन पर दिखने व मौत की सूचना पुलिस को मिलने के बीच कई ऐसे सवाल हैं, जो पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं। एक तरफ 4.11 बजे पारस लक्ष्मीनगर मेट्रो स्टेशन पर देखा जाता है तो ठीक 11 मिनट बाद उसकी मौत की सूचना पुलिस को मिलती है। दूसरी ओर रेल परिचालन से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो ट्रेन से कटने पर शरीर के अधिकतम दो टुकड़े हो सकते हैं। यदि शरीर का कोई भाग इंजन के पहिये में फंस जाता है तो वह न सिर्फ कई टुकड़ों पर बंट जाएगा, बल्कि यह टुकड़े कम से कम दो किलोमीटर तक बिखर जाएंगे। चूंकि सारी घटना 9 से 11 मिनट के अंदर हुई है, इसलिए मामला और उलझ गया है। इस समय के बीच एक गाजियाबाद ईएमयू व कानपुर शताब्दी गुजरी है। रेल परिचालन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार ईएमयू की गति इतनी अधिक नहीं कि वह शव के 16 टुकड़े कर दे और कानपुर शताब्दी से कटने पर शव के टुकड़े इतने आसपास रहना संभव नहीं। पुलिस के अनुसार पारस के मोबाइल पर 1.55 बजे के बाद कोई कॉल नहीं आई है और वह आखिरी बार 4.11 बजे लक्ष्मीनगर मेट्रो स्टेशन पर देखा गया है। लक्ष्मीनगर मेट्रो स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने में मुश्किल से 7-8 मिनट लगेंगे। इस बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 3.48 बजे गाजियाबाद ईएमयू तथा 3.55 बजे कानपुर शताब्दी चली है। ईएमयू तिलक ब्रिज स्टेशन से 4.02 बजे गुजरी है तो कानपुर शताब्दी 4.09 बजे गुजरी है, जो 6-7 मिनट बाद घटनास्थल से गुजरी है। जीआरपी के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो हत्या की आशका के साथ वह इन्हीं दोनों ट्रेनों से कटकर पारस के आत्महत्या करने की आशका भी जता रही है। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि महज 2-3 मिनट में पारस की मौत की सूचना पुलिस को मिल जाती है और पुलिस को सूचना मिलने के सिर्फ 4 मिनट बाद उसके परिजन को भी इसकी सूचना मिल जाती है। इन सारे घटनाक्रम को जोड़ने में जुटी पुलिस पिछले करीब एक हफ्ते से उलझी हुई है। |