दुष्कर्मियों को नपुंसक बनाने के पक्ष में बढ़े सुर 08-01-2013
दुष्कर्मियों को रासायनिक तरीके से नपुंसक बनाने के पक्ष में लगातार
आवाजें बढ़ रही हैं। हाल में दक्षिण कोरियाई अदालत ने बाल यौन शोषण के लिए
दोषी पाए गए एक व्यक्ति को नपुंसक बनाने का आदेश दिया था। अब मलेशिया बार
काउंसिल ने भी कहा है कि इस विकल्प पर विचार किया जाना चाहिए। बीते दिनों
दिल्ली में चलती बस पर युवती के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के बाद
भारत में भी दुष्कर्मियों को रासायनिक तरीके से नपुंसक बनाने पर बहस छिड़ी
हुई है। जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन, पोलैंड और कैलिफोर्निया (अमेरिका) में इस
सजा का कई वर्षो तक प्रावधान रहा है। यह विधि दुष्कर्मी में यौन इच्छा
समाप्त कर देती है। मलेशिया बार काउंसिल के अध्यक्ष लिम ची वी ने कहा कि यह
विकल्प दो उद्देश्य पूरा करने वाला है। इससे न केवल दोषी को सजा मिल
जाएगी, बल्कि समाज में भी एक सख्त संदेश जाएगा। लेकिन, दोषी के स्वास्थ्य
की भी अनदेखी नहीं की जा सकती है। इसके गंभीर दुष्प्रभाव भी देखने को मिले
हैं। तीन जनवरी को दक्षिण कोरियाई अदालत ने 31 साल के एक शख्स को बाल यौन
शोषण का दोषी पाते हुए 15 साल की सजा सुनाई। साथ ही रासायनिक तरीके से
नपुंसक बनाने का आदेश भी दिया। |