चीन की नई चाल, बांध को बना रहा है हथियार 31-01-2013
चीन सरकार ने तिब्बत
में ब्रह्मापुत्र नदी पर तीन और बांध बनाने की स्वीकृति दी है। 510 मेगावाट
जलविद्युत संयंत्र लगाने के लिए इस नदी पर एक बांध वह पहले से ही बना रहा
है। ये तीनों उससे भी बड़े हैं। उसने अपनी इस योजना के बारे में भारत को अब
तक कोई जानकारी नहीं दी है जिससे भारत चिंतित है। भारतीय अधिकारियों ने
यहां बताया कि चीन की कैबिनेट ने हाल ही में
डागु, जियाचा और जिएझू में ब्रह्मापुत्र नदी पर बांध बनाने की मंजूरी दी
है। इनका विस्तृत विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन चीन की 12वीं पंचवर्षीय
योजना में इन्हें पूरा किया जाना है। इस बारे में पूछने पर चीन के विदेश
मंत्रालय के प्रवक्ता हांग लेई ने कहा कि चीन ने अंतरदेशीय नदियों पर हमेशा
जिम्मेदार रुख अपनाया है। कोई भी नई परियोजना वैज्ञानिक अध्ययन और नदी की
धारा के नीचे और ऊपर के देशों के हितों का ध्यान रखकर ही तैयार की जाएगी।
ब्रह्मापुत्र चीन में यारलंग जांगबो नाम से जानी जाती है। क्या इस नदी पर
बांध बनाने की योजना के बारे में धारा के निचले इलाके में स्थित भारत और
बांग्लादेश को बता दिया गया है? हांग ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी
प्राप्त करनी होगी। चीन ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब भारत और चीन
के संबंधों में बेहतरी आई है और हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। हाल में
भारत के सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन ने चीन के अपने समकक्ष
दाई बिंगुओ के साथ बातचीत की थी। इसमें दोनों देशों में बहने वाली नदी के
जल में हिस्सेदारी का भी मुद्दा उठा था, लेकिन तब चीन ने बांध बनाने की
योजना के बारे में नहीं बताया था। मेनन ने यह भी कहा था कि चीन ने आश्वस्त
किया है कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे नदी का बहाव प्रभावित हो। |