मॉरीशस से टैक्स जानकारी साझेदारी समझौते की तैयारी 17-05-2013
पोर्ट लुई। भारत और मॉरीशस एक नए टैक्स जानकारी साझेदारी समझौते
[टीआइईए] पर हस्ताक्षर के लिए वार्ता कर रहे हैं। मॉरीशस ने इस समझौते के
लिए सहमति जता दी है। यहां के वित्त सचिव अली मंसूर ने कहा कि समझौते से
दोनों देशों में कारोबार कर रही कंपनियों की टैक्स संबंधी जानकारियां साझा
करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा दोनों देश नए दोहरा कराधान बचाव समझौते
[डीटीएए] पर भी वार्ता कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संघ द्वारा आयोजित इंटरनेशनल टैक्सेशन कांफ्रेंस
में मंसूर ने कहा कि मॉरीशस के जरिये मनी लांड्रिंग की भारत की चिंताओं
को दूर करने के कई कदम उठाए गए हैं। टैक्स समझौतों के लिए चल रही वार्ता
में यह एक अहम मसला है। भारत में होने वाला करीब आधा विदेशी निवेश मॉरीशस
के जरिये आता है। पिछले कई साल से यह आरोप लग रहे हैं कि इस देश का
इस्तेमाल मनी लांड्रिंग और अवैध धन को निवेश करने के लिए किया जा रहा है।
भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी के कई मामलों में मॉरीशस स्थित कंपनियों के नाम
सामने आने से यह चिंताएं और बढ़ी हैं। मंसूर ने कहा कि डीटीएए की समीक्षा के लिए एक संयुक्त कार्यदल गठित
किया गया है। भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए इस समझौते में और इससे
अलग कई कदम उठाए जा रहे हैं। भारतीय ऑडिटरों को मॉरीशस में परिचालन कर रही
कंपनियों के खाते जांचने की इजाजत दी जा रही है। इसके लिए दोनों देशों के
बाजार नियामकों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही मॉरीशस भारत में
निवेश करने वाली कंपनियों को जारी किए जाने वाले टैक्स रेसीडेंसी
सर्टिफिकेट्स [टीआरसी] की नियमित आधार पर समीक्षा करने को भी सहमत हुआ है। |