मप्र में ट्रे¨नग पाते हैं नक्सली 27-06-2013
पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे का कहना है कि प्रदेश में नक्सली ट्रे¨नग के
लिए आते हैं। जंगलों में ट्रेनिंग के बाद लौट जाते हैं। पुलिस ने मई में दो
नक्सलियों को मार गिराया है। उसके बाद से उनकी कोई गतिविधि सामने नहीं आई
है। प्रदेश में नक्सल समस्या काबू में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक
हजार कíमयों का पुलिस बल बढ़ाकर हॉर्स फोर्स भी तैनात की गई है।
प्रदेश में पुलिसकíमयों को साप्ताहिक अवकाश देना संभव नहीं है। नेशनल
क्राइम ब्यूरो रिसर्च के मापदंड अनुसार मप्र में 89 हजार पुलिस बल कम है।
प्रदेश सरकार इस कमी को दूर करने के लिए प्रयासरत है।
बुधवार को उज्जैन संभाग की समीक्षा बैठक में आए दुबे ने सíकट हाउस
में मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रदेश में नक्सली छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र
सीमा से प्रवेश करते हैं। दो माह से नक्सलियों की सक्रियता कम है। नक्सल
प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त बल तैनात है। प्रदेश में सिमी का नेटवर्क
भी ध्वस्त किया जा चुका है, जो सिमी कार्यकर्ता भाग निकले थे, उनके पक़के
जाने पर संगठन चर्चा में आता है। उज्जैन संभाग की कंजर समस्या को लेकर
गुजरात व राजस्थान के पुलिस महानिदेशकों के साथ हुई बैठक में आपराधिक
तत्वों की सूचियों का आदान-प्रदान किया गया है। पड़ोसी राज्य पूरा सहयोग कर
रहे हैं।
बल की कमी
दुबे ने कहा कि पुलिस बल की कमी के कारण ड्यूटी के घंटे तय नहीं हो
पा रहे हैं। आरक्षक स्तर के कर्मचारी औसतन 13 से 14 घंटे और टीआई 15 से 16
घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। शासन ने दो-तीन वर्षो में 17 हजार भर्तियां की
हैं। हाल ही में 5500 पदों की मंजूरी और दी गई है। अप्रैल 2013 में स्वीकृत
डीएसपी स्तर के नए पद डीपीसी के बाद भरे जाएंगे। शेषष पद प्रमोशन व सीधी
भर्ती से भरे जा रहे हैं। महिलाओं संबंधी अपराध पर उन्होंने कहा कि इस वर्ष
दुष्कर्म के मामलों में 32 आरोपियों को आजीवन कारावास और 7 आरोपियों को
फांसी की सजा हुई है। शीघ्र ही एफआईआर सहित पुलिस की कार्रवाई ऑनलाइन होगी।
इसके लिए सीसीटीएनएस ] पर काम चल रहा है। इससे देश के थाने आपस में जुड़
जाएंगे। इस दौरान आईजी वी. मधुकुमार व एसपी डॉ. जीके पाठक उपस्थित थे।
¨सहस्थ का मास्टर प्लान तैयार
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि वर्ष 2016 में उज्जैन में होने वाले
¨सहस्थ महाकुंभ के लिए पुलिस ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसमें
जीपीएस और सर्विलेंस प्लान अमल में लाए जाएंगे। इसके तहत वाहनों में
जीपीएस लगेंगे, वहीं भीड़ पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाए जाएंगे। |