नरेंद्र मोदी सांप्रदायिक नहीं: अन्ना 18-07-2013
जनतंत्र यात्रा के मध्यप्रदेश दौरे के समापन के लिए बुधवार को इंदौर
पहुंचे प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक नहीं
मानते। प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में उन्होंने कहा
कि मोदी के सांप्रदायिक होने संबधी कोई सबूत उन्हें नहीं अब तक नहीं मिला
है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पाíटयों को आ़़डे हाथ लेते हुए अन्ना ने
कहा कि मराठी में कहावत है कि सच बोलो तो सगी मां को भी गुस्सा आता है। मैं
किसी भी पार्टी का पक्षधर नहीं हूं। न कांग्रेस गुणवत्ता पर चल रही है और न
ही भाजपा। कोयला घोटाले में भाजपा ने कोई विरोध नहीं किया। इससे साफ होता
है कि वह भी अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे दो उद्देश्य हैं जन लोकपाल लाना और जनतंत्र
लाना। अभी दिल्ली की जनसंसद बड़ी है। जनसंसद यदि जाग जाए तो भ्रष्ट लुटेरी
सरकार को नेस्तानाबूद कर सकते हैं। लोग भूल गए हैं इसलिए उन्हें जगाने के
लिए निकलना पड़ा। जनलोकपाल को लेकर दो साल से कोशिश चल रही है। प्रधानमंत्री
ने खुद लिखकर दिया था। संसद में प्रस्ताव पास हुआ उसके बाद भी जनलोकपाल
नहीं बना। यदि जरूरत पड़ी तो मैं फिर से रामलीला मैदान जाऊंगा। अन्ना ने कहा कि सही प्रधानमंत्री तब मिलेगा जब बिना पार्टी की सरकार
बनेगी। हमारे संविधान में समूह में चुनाव ल़़डने का उल्लेख नही है।
संविधान में व्यक्तिगत चुनाव ल़़डने का प्रावधान है। 26 जनवरी 1950 के बाद
से ही देश की सारी पाíटयां खत्म हो जानी चाहिए थीं। जो सरकार चल रही है वह
असंवैधानिक है। मंत्रियों पर उंगली उठाते हुए अन्ना ने कहा कि सरकार के 35 में से 15
मंत्री और 163 सांसद दागी हैं। कोयला घोटाले से साफ हो गया है कि
प्रधानमंत्री भी ईमानदार नहीं हैं। सीबीआई की रिपोर्ट को बदला गया है।
प्रधानमंत्री को नैतिकता के आधार पर आज ही इस्तीफा दे देना चाहिए। मिस्र की तरह देश में भी तख्ता पलट की संभावना पर उन्होंने कहा कि
हमारा एक-एक कदम उसी तरफ जा रहा है। हमारी सहन शक्ति अधिक है इसलिए अभी सब
ठीक चल रहा है। यही स्थिति रही तो हमारे यहां भी ¨हसक क्रांति हो सकती है।
कोई ¨हसा नहीं चाहता, लेकिन व्यवस्था में सुधार जरूरी है मध्यप्रदेश के बारे में अन्ना ने कहा कि यहां पता ही नहीं चलता कि
सड़क में गढ्डे हैं या गढ्डे में सड़क। गाड़ी के साथ मेरे भी नट बोल्ड ढीले हो
गए। अन्ना के साथ पूर्व सेना अध्यक्ष वीके ¨सह और संतोष भारती भी थे। |