चौरासी के दंगा पीड़ित सिक्खों को मिला मुआवजा 24-07-2013
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में मंगलवार को कलेक्टर गुना की ओर से जवाब
पेश करके 1984 के दंगा पीड़ित सिक्खों को मुआवजा भुगतान कर दिए जाने की
जानकारी दी गई। कोर्ट ने इस जानकारी को रिकॉर्ड पर लेने के साथ ही आवेदकों
को आपत्ति पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दे दिया गया। कलेक्टर गुना ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाब, आवेदकों को आपत्ति पेश करने दो सप्ताह का समय दिया।
मंगलवार को जस्टिस राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति विमला जैन की
युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता गुना
निवासी आनंद जुत्सी, नानक सिंह, अरविंद पाल सिंह, बलबीर सिंह व सतपाल सिंह
का पक्ष अधिवक्ता मो. कासिम व आरबी पटैल ने रखा। उन्होंने दलील दी कि 1984
के दंगा पी़ि़डत सिक्खों को मुआवजे के संबंध में नानावटी आयोग ने अहम
अनुशंसाएं की थीं। जिसके मुताबिक मुआवजा न दिए जाने के कारण पूर्व में
याचिका के जरिए हाईकोर्ट की शरण ली गई थी।
12 अगस्त 2012 को हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए गुना
कलेक्टर संदीप यादव को निर्देश दिए थे कि दंगा पी़ि़डत सिक्खों को 6
प्रतिशत ब्याज सहित मुआवजा दिया जाए। जब नियत समय गुजरने के बावजूद राहत
नहीं मिली तो अवमानना याचिका के जरिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण लेनी प़़डी।
जिस पर जारी सख्त निर्देश के बाद कलेक्टर गुना ने जो जवाब पेश किया है उसके
मुताबिक मुआवजा तो दिया गया लेकिन ब्याज 12 अगस्त 2012 से 28 मार्च 2013
की अवधि का ही दिए जाने से असंतोष की स्थित जस की तस बनी हुई है। लिहाजा,
आपत्ति पर सुनवाई की व्यवस्था दी जाए। कोर्ट ने यह मांग मंजूर करते हुए
दंगा पीड़ित सिक्खों को रिज्वाइंडर पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दे
दिया।
ई-पेमेंट के जरिए दिया मुआवजा
हाईकोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में कलेक्टर गुना ने जो जानकारी
पेश की, उसके अनुसार गुना के दंगा पीड़ित सिक्खों को 17 जुलाई 2013 को
ई-पेमेंट के जरिए मुआवजा बतौर 8 लाख 47 हजार रुपये और 6 फीसद ब्याज बतौर 31
हजार 188 रुपये दिए गए हैं। |