मुझे मरने के लिए छोड़ रहे थे डॉक्टर: स्टीफन हॉकिंग 28-07-2013
लंदन। ब्रिटेन के मशहूर भौतिक शास्त्री स्टीफन हॉकिंग अपनी लोकप्रिय
किताब \'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम\' लिखते समय मौत के काफी करीब पहुंच गए थे।
यह 1985 का समय था, जब हॉकिंग के फेफड़ों का संक्रमण निमोनिया में बदल गया
था। उस समय डॉक्टरों ने उनकी जीवन रक्षक प्रणाली हटाने का सुझाव तक दे दिया
था। यह जानकारी हॉकिंग्स पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री में सार्वजनिक हुई
है, जो इस साल के आखिर तक रिलीज होगी। 71 वर्षीय भौतिकशास्त्री ने अपनी
डॉक्यूमेंट्री \'हॉकिंग\' में बताया कि वह उस समय मौत के काफी करीब पहुंच गए
थे। डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को जीवन रक्षक प्रणाली हटाने का सुझाव दिया था,
ताकि बीमारी से हो रही पीड़ा से उन्हें जल्द मुक्ति मिल सके। द संडे टाइम्स
की रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय हॉकिंग अपनी बेस्टसेलर किताब \'ए ब्रीफ
हिस्ट्री ऑफ टाइम\' लिख रहे थे। हाकिंग ने कहा, \'मेरी स्थिति बहुत ही गंभीर
थी और मैं दवाओं के प्रभाव की वजह से कोमा में चला गया था। डॉक्टरों को लगा
कि मैं मौत के करीब हूं , तो उन्होंने मेरी पत्नी (पहली पत्नी जेने) को
मेरी लाइफ सपोर्टिग मशीन बंद करने का सुझाव दिया ताकि मुझे दर्द से जल्दी
मुक्ति मिल जाए।\' उस समय जेने और हॉकिंग की बीस साल की शादीशुदा जिंदगी तनाव से गुजर रही
थी। लेकिन डॉक्टरों ने जेने को तब जेनेवा से जोर देकर बुलाया कि हॉकिंग की
हालत काफी गंभीर है। रिपोर्ट के मुताबिक, \'जेने ने मशीन बंद करने से
इन्कार कर दिया था।\' कई पुरस्कार जीत चुके हॉकिंग पिछले पांच दशक से मोटर
न्यूरोन की बीमारी से ग्रसित हैं। यह एक ऐसी अवस्था होती है, जिससे जूझते
हुए पांच साल में ज्यादातर पीड़ितों की मौत हो जाती है। इस फिल्म में जेने
ने बताया कि किस तरह हॉकिंग की लोकप्रियता ने दोनों के रिश्तों को तनाव से
भर दिया था। इस फिल्म के जरिए हॉकिंग की जिंदगी को करीब से देखने में मदद
मिलेगी। |