विपक्ष बोला, बर्खास्त हो उप्र सरकार 08-09-2013
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भड़की सांप्रदायिक हिंसा नियंत्रित
नहीं होने से बसपा, भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने राज्य
सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे पूरी तरह नाकाम करार दिया है। बसपा,
भाजपा और रालोद ने जहां इसकी बर्खास्तगी की मांग की है वहीं कांग्रेस ने
कहा कि सरकार ने हालात के सामने हार मान ली है। बर्खास्त हो सपा सरकार :
बसपा , बसपा ने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए सूबे में राष्ट्रपति शासन
लगाने
की मांग की है। पार्टी ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि घटना की जांच के
लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कराएं। सरकार को दोषी अधिकारियों को
बर्खास्त करने का निर्देश दें। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद
मौर्य व नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पत्रकारों से कहा कि सपा सरकार बनने से
प्रदेश में जंगलराज हो गया है। मुजफ्फरनगर की घटना में हुई मौतों का जिक्र
करते हुए बसपा नेताओं ने कहा कि यह सूबे में जंगलराज का वीभत्स उदाहरण है।
घटना पर शोक जताते हुए मौर्य ने कहा कि यह सपा सरकार की असफलता ही है कि
इतनी बड़ी घटना में अब तक अफसरों की जवाबदेही न तय करते हुए दोषी अधिकारियों
को बनाए रखा गया है। जिला केंद्रों पर भाजपाई आज ज्ञापन सौंपेंगे : भाजपा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि सेना की
मौजूदगी में भी हिंसा जारी रहना सिद्ध करता है कि स्थिति कितनी खराब है?
सरकार सत्ता बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। बर्खास्त करने की मांग
का ज्ञापन सभी जिला केंद्रों पर सोमवार को सौंपा जाएगा और वरिष्ठ नेताओं का
प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्यपाल से भी मिलेगा। उन्होंने भाजपा
कार्यकर्ताओं से संयत बरतने की अपील करते हुए पीडितों की मदद को कहा।
प्रदेश सरकार ने मानी हार : कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता
द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि
दंगा भड़कने के 24 घंटे के भीतर ही सेना बुलाने पर विवश होने से यह साफ हो
गया है कि स्थिति से निपटने में सरकार ने अपनी हार मान ली है। सपा सरकार के
डेढ़ साल के अब तक के कार्यकाल को दंगों के लिए याद किया जाएगा। सरकार ने
पुलिस और प्रशासन को जातीय और साम्प्रदायिक आधार पर बांट दिया जिसका नतीजा
यह हुआ कि न इसका मनोबल गिर गया और अधिकार जोड़तोड़ के जरिए कुर्सी बचाने में
लगे रहे। रालोद ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना
सिंह चौहान ने सपा शासनकाल में सौ से अधिक
सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि सरकार चलाने में
नाकामयाब मुख्यमंत्री को स्वयं ही इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने दंगों
को सोची समझी साजिश का हिस्सा बताया और राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग
की। मेरठ कमिश्नर कार्यालय का घेराव टाला रालोद राष्ट्रीय महासचिव जयंत
चौधरी के नेतृत्व में किसानों की
समस्याओं को लेकर 12 सितंबर को प्रस्तावित कमिश्नर कार्यालय का घेराव
कार्यक्रम सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए स्थगित कर दिया है। यह जानकारी
राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने दी। लापरवाही से भड़का दंगा भारत की कम्युनिस्ट
पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव मंडल के सदस्य
प्रेमनाथ राय ने दंगों पर गंभीरता चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार व
प्रशासन की लापरवाही के कारण हालात बिगड़े। समय रहते ही सर्तकता बरती होती
तो दंगों को रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि दंगाइयों पर सख्त कार्यवाही
हो और पीड़ितों को उचित मुआवजा मिले। सपा ने सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष काशीनाथ ने आरोप लगाया कि
सपा द्वारा सत्ता संभालने के बाद सौहार्द लगातार बिगड़ा है। मुजफ्फरनगर दंगे
में सरकार की विफलता फिर से साबित हुई है। नाकाम सरकार को तत्काल बर्खास्त
किया जाए ताकि हालात सुधर सकें। |