देश का मोस्ट वांटेड आतंकी है फैजल 02-10-2013
खंडवा जेल तोड़कर फरार सिमी आतंकियों में देश के मोस्ट वांटेड्स में
शामिल मुंबई के अंधेरी का अबू फैजल उर्फ डॉक्टर पिता इमरान खान भोपाल से दो
साल पहले पकड़ा गया था। इसके साथ तीन अन्य सिमी आतंकी पक़़डे गए थे, जिनमें
से खंडवा के एजाजुद्दीन उर्फ एजाज पिता मो. अजीजुद्दीन और मेहबूब उर्फ
गुड्डू पिता इस्माइल खान भी हैं, जो उसके साथ खंडवा जेल से भागे हैं। अबू
फैजल उर्फ डॉक्टर: मुंबई में अंधेरी वेस्ट स्थित अल्फा मेडिकल
स्टोर, जुहू लाइन वायरलेस रोड का रहने वाला है। इसे भोपाल की मण्णापुरम
गोल्ड फायनेंस डकैती में मध्यप्रदेश पुलिस की एटीएस ने ऑपरेशन विजय के तहत
गिरफ्तार किया था। इसके अलावा उसका नाम 2008 के बाद देश में हुए ज्यादातर
बम धमाकों में आया था। इस पर अयोध्या मामले की सुनवाई से जुडे़ एक व्यक्ति
की हत्या की प्लानिंग में भी शामिल होने का आरोप था।
अबू फैजल मध्यप्रदेश को अपनी शरणस्थली के रूप में उपयोग करता था।
उसका भोपाल, खंडवा, जबलपुर में आना-जाना होता था। उसने भोपाल के एक
धार्मिकस्थल के पास भी शरण ली थी, लेकिन पुलिस को जब तक सूचना लगी वह भाग
चुका था। वह एक ब़़डे धार्मिक जलसे में भी शरीक हुआ था। उसके महाराष्ट्र के
अकोला में भी संपर्क हैं। खंडवा में वह 2009 के दो मामलों में जेल में
पेशी के लिए बंद था। फैजल सहित सभी आरोपी खंडवा में 6 जून 2013 को अदालत के
आदेश पर प्रदेश की विभिन्न जेलों से स्थानांतरित किए गए थे।
एजाजुद्दीन उर्फ एजाज: नरसिंहपुर जिले के करेली में नरसिंह वार्ड में
रेलवे फाटक के पास रहता है। उसे भी भोपाल से ही गिरफ्तार किया गया था।
खंडवा में उसके खिलाफ तीन अपराध हैं जिनमें उसकी अक्सर पेशी होती थी।
जाकिर हुसैन उर्फ सादिक: खंडवा में गणेश तलाई मस्जिद के पास रहता है।
उसे रतलाम में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ खंडवा में एक अपराध दर्ज
है जिसमें उसकी पेशी होती थी।
मेहबूब उर्फ गुड्डू: खंडवा के गणेश तलाई मस्जिद के पास रहता है। उसके खिलाफ भी खंडवा का एक मामला है।
असलम खान: खंडवा के गणेश तलाई मस्जिद के पास रहता है। उसके खिलाफ 2009 का एक प्रकरण दर्ज है।
अमजद खान: खंडवा के गणेश तलाई मस्जिद के पास रहता है। उसके विरुद्ध एक अपराधिक मामला दर्ज है।
दो साल में आधी दर्जन बार तोड़ी गई जेल की दीवार
भोपाल [ब्यूरो]। मध्यप्रदेश में जेल तोड़कर भागने की दो साल के भीतर
खंडवा की पांचवीं घटना है। इस साल सबसे ब़़डी घटना पिपरिया उप जेल में हुई
थी, जिसमें जेल तो़़डकर चार कैदी फरार हो गए थे। दो महीने पहले महू में भी
इसी तरह जेल तो़़डकर कैदी फरार हुए थे। करीब डे़़ढ साल पहले नीमच और पन्ना
की जेलों में भी कैदी जेल की दीवारों को तोड़कर भाग चुके हैं। |